अपनी राशि कैसे पता लगाएं | Apni Rashi Kaise Pata Kare

जय श्री राम मित्रों ! आज की पोस्ट में हम आपको बतायंगे कि कैसे जाने अपनी राशि (Apni Rashi Kaise Pata Kare), जन्मतिथि या नाम में से कौन सी राशि अधिक प्रभावी होती है.

हमारे दैनिक जीवन में राशि का बड़ा महत्व होता है। आज के समय में हर व्यक्ति यह जानना चाहता है कि उसकी राशि कौन सी है क्योंकि उस राशि के द्वारा ही वह अनुमान लगाता है कि आज के दिन उसके जीवन में क्या घटित होने वाला है। अगर राशि में कुछ अच्छा लिखा होता है तो वह दिन भर खुश रहता है कि आज के दिन मेरे साथ कुछ अच्छा होने वाला है, वहीं अगर कुछ खराब लिखा होता है तो वह सतर्क हो जाता है और राशिफल में बताए गये उपायों को करता है। न सिर्फ दैनिक बल्कि अब तो लोग अपने राशि के द्वारा ही यह अनुमान लगाते हैं कि उनका महीना, उनका वर्ष कैसा बीतने वाला है। ऐसे में राशि की महत्ता और भी बढ़ जाती है। विवाह, यज्ञोपवित्र संस्कार या कोई धार्मिक आयोजन के समय भी राशि नाम की प्रधानता होती है। तो आईये जानते है कि कैसे आप यह पता लगा सकते हैं कि आपकी राशि कौन सी है।

राशि कैसे जाने | Rashi Kaise Dekhen | Apni Rashi Kaise Jane

राशि शब्द मुख्यतः संस्कृत भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है समूह। राशि तीन तरीकों से निकाली जाती है। पहली सूर्य आधारित राशि, दूसरी चंद्र आधारित राशि, तीसरी अंक शास्त्र पर आधारित राशि। इन तीनों तरीकों को जानकर आप अपनी राशि के बारे में जान सकते हैं। आज हम इन तीन तरीकों के बारे में ही विस्तार से चर्चा करेंगे।

सूर्य आधारित राशि कैसे जाने | How to Decide Zodiac Sign | Sun Sign in Hindi

बोलचाल की भाषा में जब कोई आपसे आपकी राशि पूछता है तो वह आपके सूर्य की स्थिति को जानना चाहता है। इस तरह हम कह सकते है कि सूर्य राशि वह होती है जब जातक के जन्म के समय सूर्य जिस राशि में उपस्थित होता है। वह जातक की सूर्य राशि कहलाता है। ऐसे में जन्मतिथि के आधार पर ही सूर्य राशि का पता लगाया जा सकता है। आपके सूर्य राशि के चिन्ह से ही आपके व्यक्तित्व की पूरी जानकारी प्राप्त होती है। सूर्य हर राशि में एक माह रहता है। किस-किस तिथि को सूर्य किस राशि पर रहता है उसकी जानकारी निम्नवत है-

जन्म तारीख से राशि कैसे जाने | Janmtithi Se Apni Rashi Kaise Pata Karte Hain

मेषः 21 मार्च – 19 अप्रैल

वृषभः 20 अप्रैल – 20 मई

मिथुनः 21 मई – 21 जून

कर्क: 22 जून – 22 जुलाई

सिंहः 23 जुलाई – 22 अगस्त

कन्याः 23 अगस्त – 22 सितंबर

तुलाः 23 सितंबर – 23 अक्टूबर

वृश्चिकः 24 अक्टूबर – 22 नवंबर

धनुः 23 नवंबर – 21 दिसंबर

मकरः 22 दिसंबर – 19 जनवरी

कुंभः 20 जनवरी – 18 फरवरी

मीनः 19 फरवरी – 20 मार्च

इस तरह हम ऊपर दी गई सूची को देखकर अपनी जन्मतिथि की सहायता से अपनी राशि पता कर सकते हैं। पाश्चत्य ज्योतिष में सूर्य राशि को अहमियत दी गई है। सूर्य राशि से हमारे बाहरी व्यक्तित्व की जानकारी मिलती है।

चंद्र राशि कैसे जाने | Chandra Rashi Kya hoti Hai | Moon Sign in Hindi | Chandra Rashi Kaise Pta Kare

सूर्य राशि के अनुसार ही किसी जातक के जन्म के समय चंद्रमा जिस राशि में विराजमान होता है। वहीं जातक की चंद्र राशि कहलाती है। चंद्रमा की गति बहुत तेज होती है, वह हर राशि में 54 घंटे (दो से ढाई दिनों) रहकर दूसरी राशियों में प्रवेश कर जाता है। जब चंद्र राशि का पता चल जाता है तो उसी राशि के स्वामी, जन्म कुंडली की लग्न राशि व उसके स्वामी व ग्रह दशा देखकर चंद्र राशि के अनुसार जातक के भविष्यफल के बारे में बताया जाता है। ज्योतिष में चंद्र राशि की प्रधानता है क्योंकि चंद्र राशि के अनुसार ही जातक की भावनात्मक और मानसिक स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। चंद्र राशि के द्वारा ही हम उसके विचारों, इच्छाओं और चिंताओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

अंकशास्त्र द्वारा राशि निर्धारण | Ank Rashi Kya Hai | मूलांक कैसे निकाले

अंकशास्त्र से राशि जानने के लिए हमे सबसे पहले अपना मूलांक जानना होता है। मूलांक मुख्यतः 1 से 9 तक होते है। किसी व्यक्ति की जन्म तारीख से उसके मूलांक का निर्धारण होता है। इसे ऐसे समझ सकते है जैसे किसी व्यक्ति का जन्म 15 तारीख को हुआ तो उसका मूलांक 6 है। आईये जानते है कि मूलांक के आधार पर राशि व उसके स्वामी के बारे में जानकारी हासिल करते हैं।

मूलांक एक अंक का स्वामी सूर्य हैं।

मूलांक एक वाले सिंह राशि के होते हैं।

मूलांक दो का स्वामी चंद्रमा है।

वहीं, मूलांक दो वालों की राशि कर्क होती है।

तीन मूलांक का स्वामी गुरू को माना जाता है। इस मूलांक के लोग धनु राशि के होते हैं।

मूलांक चार का स्वामी राहु है, मूलांक चार वालों की राशि कुम्भ होती है।

मूलांक पांच का स्वामी बुध होता है और राशि मिथुन और कन्या मानी जाती है।

मूलांक छह का स्वामी शुक्र को माना जाता हैं, मूलांक छह वालों की राशि वृष और तुला होती है।

मूलांक सात अंक का स्वामी केतु होता हैं और सात मूलांक वालों की राशि मीन होती है।

मूलांक आठ का स्वामी शनि होता हैं और राशि मकर होती है।

मूलांक नौ का स्वामी मंगल होता हैं और मूलांक नौ वालों की राशि मेष व वृश्चिक होती है।

सूर्य राशि और चंद्र राशि के बीच अंतर | Difference Between Sun Sign & Moon Sign Hindi

सूर्य राशि के द्वारा जातक के वाहय स्वरूप की जानकारी प्राप्त होती है जबकि चंद्र राशि के द्वारा जातक के आंतरिक व्यक्तित्व की जानकारी प्राप्त होती है।

सूर्य राशि हमारे अहं और हमारे मन में उठने वाली हर इच्छा का प्रतीक है। आप जो भी विचार करते हैं, सोचते हैं उसका आधार सूर्य राशि ही होती है। जबकि चंद्र राशि से आप अवचेतन के साथ-साथ आपकी भावनाओं और आपके आस-पास की दुनिया के प्रति आपके मन में उठने वाली प्रतिक्रियाएं को दर्शाता हैं।

आप अपने जन्म की तारीख जानकर अपनी सूर्य राशि का निर्धारण कर सकते हैं, हालांकि, चंद्रमा की राशि की पहचान करने के लिए, आपको अपनी जन्म तिथि, अपने जन्म समय और जन्म स्थान के बारे में पता होना जरूरी है।

सूर्य हर राशि में एक माह रहता है इस तरह 12 माह में 12 राशियों पर रहता है। जबकि चंद्रमा की गति तेज होती है और उसे एक राशि से दूसरी राशि में जाने में केवल ढाई दिन लगता है।

सूर्य चिन्ह को आमतौर पर किसी व्यक्ति के सामान्य दृष्टिकोण के रूप में माना जाता है, लेकिन चंद्र राशि के द्वारा किसी व्यक्ति के आंतरिक सोच, उसके मन में उठने वाले विचार और छिपी हुई क्षमता के बारे में विशिष्ट जानकारी प्रदान करती है।

सूर्य राशि या चंद्र राशि कौन अधिक प्रभावी | Sun Sign or Moon Sign Which is More Important

सूर्य राशि की तुलना में चंद्र राशियों का हमारे जीवन पर अधिक प्रभाव पड़ता है। सूर्य ग्रह को आत्मविश्वास और आत्मा का कारक माना गया है। चंद्र राशि के द्वारा व्यक्ति के अंदर की भावनाएं पता चलती है, उसका स्वभाव पता चलता है। यही कारण है कि भारतीय ज्योतिष शास्त्र में चंद्र राशि की प्रधानता है। चंद्र राशि के द्वारा किसी व्यक्ति के बारे में सही जानकारी दी जा सकती है। किसी व्यक्ति के गुणों और व्यक्तित्व के बारे में पता लगाया जा सकता है। इसके उलट पाश्चात्य ज्योतिष में सूर्य राशि की प्रधानता है। सूर्य राशि से किसी व्यक्ति के बाहरी व्यक्तित्व की ही पहचान होती है क्योंकि एक जन्मतिथि पर कई लोग पैदा हुए होते है, उनकी सोचने-समझने की क्षमता अलग-अलग होती है। ऐसी मान्यता है कि हमारा सूर्य चिन्ह आपके बाहरी स्व का प्रतिनिधित्व करता है। जबकि चंद्रमा अंदर की गतिविधियों का कारक है। सूर्य राशि और चंद्र राशि में सबसे बड़ी भिन्नता यह है कि सभी 12 राशियों को पार करने के लिए जहां सूर्य को 12 महीने लगते है यानी एक राशि में सूर्य एक माह तक रहता है। ऐसे में सूर्य राशि से सटीक भविष्यवाणी करना संभव नहीं होता है क्योंकि उस एक माह के दौरान कई व्यक्ति जन्म ले चुके होते है। इसके विपरीत चंद्रमा की चाल तीव्र होती है, वह एक राशि में ढाई दिनों तक ही रहता है इसलिए चंद्र राशि के द्वारा की गई भविष्यवाणी ज्यादा प्रभावी होती है।

किसी व्यक्ति की राशि उसके सम्पूर्ण व्यक्तित्व को परिभाषित करती है। इसके द्वारा न सिर्फ उसकी बाहरी व्यक्तित्व बल्कि आंतरिक व्यक्तित्व के बारे में भी पता चलता है। इस तरह हम कह सकते है कि किसी व्यक्ति की राशि जानकर हम उसके विषय में सभी कुछ जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। राशि का प्रभाव उस व्यक्ति पर जीवन पर्यन्त रहता है। यही कारण है कि जन्म के समय नाम रखते समय काफी विचार किया जाता है। राशि के अनुसार ही जन्मकुंडली बनाई जाती है। आज के लेख में हमने राशि कैसे निकाले इस संबंध में आपको जानकारी दी तथा इसके प्रकार भी बताए। उम्मीद करते है उपरोक्त लेख आपको अच्छा लगा होगा। अगर यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों, परिजनों के साथ शेयर अवश्य करें। ऐसे ही जानकारीपूर्ण लेखों को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट से जुड़े रहे।

जयश्रीराम

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