ज्योतिष शास्त्र क्या है (Jyotish Kya Hai in Hindi)

ज्योतिष का है हमारे जीवन में अहम स्थान, जानिए ज्योतिष से जुड़ी सभी बातें

ज्योतिष का हमारे जीवन में बड़ा ही उल्लेखनीय योगदान है। ज्योतिष के द्वारा व्यक्ति के जीवन में घटित होने वाली घटनाओं के बारे में बताया जाता है। ज्योतिष न सिर्फ वर्तमान जीवन में क्या हुआ यह बताता है बल्कि भविष्य में भी हमारे जीवन में क्या होने वाला है, इसकी भी भविष्यवाणी करता है। यह गणना ग्रहों, नक्षत्रों की गति आदि का विचार करके निकाली जाती है। आज के लेख में हम ज्योतिष के सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

ज्योतिष किसे कहते हैं (Jyotish in Hindi)

ज्योतिष को हम इस श्लोक के माध्यम से समझ सकते है। ‘‘ज्योतिषां सूर्यादिग्रहाणां बोधकं शास्त्रम’’ अर्थात सूर्यादि ग्रह और काल का बोध कराने वाले शास्त्र को ज्योतिष शास्त्र के रूप में परिभाषित किया गया है। ज्योतिष शास्त्र में मुख्य रूप से ग्रह, नक्षत्र आदि के स्वरूप, संचार, परिभ्रमण काल, ग्रहण और स्थिति संबधित घटनाओं का निरूपण एवं शुभाशुभ फलों का कथन किया जाता है। ज्योतिष को सभी लोग धर्मशास्त्र के रूप में जानते है, परंतु वास्तिवकता में ज्योतिष एक ऐसा विज्ञान है जिसका ज्ञान बहुत कम लोगों को होता है। ज्योतिष को कुछ लोग भाग्य बताने तक ही सीमित समझते है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है बल्कि ये एक ऐसा ज्ञान है जिसे जाननेवाला व्यक्ति अपने ज्ञान से किसी को भी प्रभावित कर सकता है और समाज में उच्च स्थान प्राप्त कर सकता है।

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ज्योतिष का इतिहास (History of Jyotish Vidya | Jyotish Gyan)

ज्योतिष का इतिहास बहुत प्राचीन है। यह वेदों जितना ही प्राचीन है। प्राचीन समय में ग्रह, नक्षत्र और अन्य खगोलीय पिण्डों का अध्ययन करने के लिए ज्योतिष विज्ञान का सहारा लिया जाता था। इसके गणितीय भाग के बारे में वेदों में स्पष्ट रूप से बताया गया है। ज्योतिष वास्तव में यह एक ऐसी विद्या है जो प्राचीन विद्याओं में से एक मानी गई है, लेकिन प्राचीन समय और आधुनिक समय में इस विद्या के उपयोग में खासा अंतर आ चुका है, पहले इसका उपयोग ऋषि-मुनियों अथवा राज ज्योतिषियों द्वारा किया जाता था लेकिन वर्तमान समय में इसका उपयोग वृहद स्तर पर होने लगा है। ज्योतिष पर सबसे पहला ग्रंथ, भृगु संहिता, ऋषि भृगु द्वारा संकलित किया गया था। ऋषि भृगु को ‘हिंदू ज्योतिष का पिता‘ भी कहा जाता है, और वे सप्तऋषि या सात वैदिक संतों में से एक हैं। वैदिक ज्योतिष 5000 से 10,000 ईसा पूर्व के बीच से प्रचलित है।

वैदिक ज्योतिष में क्या है | Vedic Astrology in Hindi | Vedic Jyotish

वैदिक ज्योतिष वेदों का अंग हैं। अथर्ववेद में ज्योतिष से संबंधित 162 श्लोक, यजुर्वेद में 44 और ऋग्वेद में 30 श्लोक हैं। इन्हीं वेदों के श्लोकों पर आज ज्योतिष का रुप बदला हैं। ज्योतिष 6 वेदांगो में से एक हैं। शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त छंद और ज्योतिष, जिनमे से वैदिक ज्योतिष को सबसे अधिक महत्व दिया गया हैं। वैदिक ज्योतिष में मुख्य रूप से ग्रह व तारों के प्रभाव का अध्ययन किया जाता है। पृथ्वी सौर मंडल का एक तरह का ग्रह है। ज्योतिष का ऐसा मानना है कि पृथ्वी के निवासियों पर सूर्य तथा सौर मंडल के ग्रहों का प्रभाव पड़ता हैै। पृथ्वी एक विशेष कक्षा में चलायमान है। पृथ्वी पर रहने वालों को सूर्य इसी में गतिशील नजर आता है। इस कक्षा के आसपास कुछ तारों के समूह हैं, जिन्हें नक्षत्र कहा जाता है। इन्हीं 27 तारा समूहों यानी नक्षत्रों से 12 राशियों का निर्माण हुआ है। जिन्हें क्रमषः इन नामों से जाना जाता है। 1-मेष, 2-वृष, 3-मिथुन, 4-कर्क, 5-सिंह, 6-कन्या, 7-तुला, 8-वृश्चिक, 9-धनु, 10-मकर, 11-कुंभ, 12-मीन। हर राशि 30 अंश की होती है।

ज्योतिष का महत्व | Importance of Jyotish | Importance of Astrology in Hindi

आज के हमारे दैनिक जीवन में ज्योतिष का महत्व बहुत बढ़ गया है। ज्योतिष के आधार पर ही सूर्य ग्रहण, चन्द्र ग्रहण, मौसम, तीज त्योहार, उत्सव, पर्व के विषय में भविष्यवाणी की जाती है। भारत के ग्रामीण जीवन में ज्योतिष के प्रभाव को विशेष रूप से देखा जा सकता है। यही कारण है कि एक अनपढ़ किसान भी यह जानता है कि किस नक्षत्र में वर्षा अच्छी होती है। उसे किस समय बीजों की बोवाई करनी हैे। ज्योतिष शास्त्र के उपयोग के द्वारा हम अपने जीवन में आने वाले कष्टों को दूर करते है। उनके उपाय करते है। इसके लिए कई ज्योतिषाचार्य हमें उपाय बताते है और हम उन उपायों को अपनाकर अपने जीवन के संकट को दूर करते है। ज्योतिष की मदद से कम प्रयास से अधिक सफलता प्राप्त की जा सकती है। ज्योतिष ये नहीं कहता कि सब कुछ तुरंत ठीक हो जायेगा क्योंकि जो भाग्य में लिखा है वह तो होकर रहेगा लेकिन ज्योतिष के उपायों को अपनाकर हम उन बाधाओं को कम जरूर कर सकते है। ज्योतिष में कई जप व मंत्र इसके लिए बताये गये है। रोग निदान में जहां विज्ञान विफल हो जाता है, उस जगह ज्योतिष काम आता है।

ज्योतिष के आधार पर ही दैनिक पंचांग का निर्माण किया जाता है जिसके माध्यम से हम विभिन्न तीज त्योहारी की जानकारी प्राप्त करते हैं।

ज्योतिष मंत्र | Jyotish Mantra

ज्योतिष शास्त्र में नौ ग्रहों के लिए नौ मंत्र बताए गए है। रोज सुबह रुद्राक्ष की माला से इन मंत्रों का जाप करने से आपके जीवन में चली आ रही समस्या दूर होती है।

ऐसे करें मंत्र जाप

सूर्य मंत्र – ऊँ सूर्याय नमः।
चंद्र मंत्र – ऊँ सोमाय नमः।
मंगल मंत्र – ऊँ भौमाय नमः।
बुध मंत्र – ऊँ बुधाय नमः।
गुरु मंत्र – ऊँ बृहस्पतये नमः।
शुक्र मंत्र – ऊँ शुक्राय नमः।
शनि मंत्र – ऊँ शनैश्चराय नमः।

ज्योतिष शास्त्र की मदद से ऐसे बनाएं कुंडली | ज्योतिष शास्त्र कुंडली | Kundli in Hindi

ज्योतिष शास्त्र की मदद से जब व्यक्ति जन्म लेते है तो उसकी जन्म कुंडली (Birth Kundali) बनाई जाती है। यह कुंडली उस समय की ग्रह दशा की गणना करके बनाई जाती है। आसान भाषा में समझे तो जन्मकुंडली वह पत्री है जिसके द्वारा आपके जन्म के समय आकाश मंडल में जो ग्रह, नक्षत्र व राशियों की स्थिति है, उन्हे दर्शाया जाता है। हर कुंडली में बारह खाने होते हैं और इन खानों में राशियां और ग्रह बैठे होते हैं जिनके माध्यम से व्यक्ति के भाग्य की गणना की जाती है। कुंडली में जो नंबर होते हैं वे राशियों (Horoscopes) को दर्शाते हैं। अगर आप कुंडली को देखे तो उसमें खाने बने होते हैं। इन्हीं खानों को भाव या घर कहते हैं। इनकी संख्या 12 है। ये बारह खाने या भाव में बैठे ग्रहों के द्वारा ही किसी व्यक्ति के संपूर्ण जीवन के बारे में जाना जाता है।

जन्मपत्री (Janampatri) के किसी भाव में एक, या दो अथवा इससे अधिक ग्रह बैठे हो सकते हैं। ग्रह के योग को युति कहते हैं। इन ग्रहों का आपस में संबंध है। ये संबंध शत्रुता, मित्रता और सम भाव का होता है। ज्योतिष में इन ग्रहों की संख्या नौ है। सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु। इन ग्रहों का अपना-अपना स्वभाव होता है। इनमें चंद्र, बृहस्पति और शुक्र सौम्य ग्रह हैं।

वहीं सूर्य, मंगल, शनि और राहु-केतु क्रूर ग्रहों की श्रेणी में आते हैं। इसके साथ ही राशियों के साथ भी इनका संबंध होता है। राहु-केतु को छोड़कर सभी ग्रह एक या दो राशि के स्वामी होते हैं। इन सभी ग्रहों की कोई उच्च राशि होती है तो कोई नीच राशि होती है। इसी का अध्ययन कर ज्योतिषीचार्य आपके वर्तमान, भविष्य और भूत के विषय में बताते है।

कुंडली देखने का तरीका | Check Kundali in Hindi | Kundali Kaise Dekhe

कभी भी नीच राशि में ग्रह शुभ फल नहीं देते हैं। उच्च राशि में कोई भी ग्रह शुभ फलकारी होता है। शत्रु ग्रहों के साथ युति से नकारात्मक फल मिलता है। ग्रहों की दृष्टि का फल राशि और उसके संबंधानुसार पड़ता है। मित्र ग्रहों की युति शुभ फलकारी होती है। कुंडली में अगर कोई राजयोग बन रहा है तो इसकी भी जानकारी हमें जन्म कुंडली की मदद से मिल जाती है।

अंक ज्योतिष क्या है | Ank Jyotish | Number Astrology in Hindi | Numerology in Hindi

अंक ज्योतिष को अंग्रेजी में न्यूमरोलॉजी के नाम से पहचाना जाता है। इसे अंक विद्या या अंक शास्त्र और संख्या शास्त्र आदि के नाम से भी जाना जाता है। अंक ज्योतिष में मुख्य रूप से नौ ग्रहों सूर्य, चन्द्र, गुरू, यूरेनस, बुध, शुक्र, वरूण, शनि और मंगल को आधार बनाकर उनकी विशेषताओं के आधार पर गणना की जाती है। अंक ज्योतिष के माध्यम से भाग्यांक निकाला जाता है। भाग्यांक जानने के लिए जन्मतिथि, माह और जन्मवर्ष तीनों की गणना की जाती है। उदाहरण के तौर पर अगर किसी व्यक्ति की जन्मतिथि 2 जुलाई 1979 हो तो इस उल्लेख में आए तारीख (2) मास (7) और वर्ष (1979) के तीनों अंकों को जोड़ा जाएगा। इन सभी अंको को जोड़ने से भाग्यांक आया (02 जोड़ 07 जोड़ 1979=35, 3 जोड़ 5=8) इस उदाहरण में मूलांक 2 और भाग्यांक 8 है।

ज्योतिष पर विश्वास करना चाहिए या नहीं | Astrology is Real or Fake

ज्योतिष पर कई लोगों की सबसे बड़ी गलतफहमी ये है कि ज्योतिषीय भविष्यवाणियां सही नहीं होती। जबकि कम ही लोग ज्योेतिष के बारे में ठीक से जानते हैं और न ही ये जानते हैं कि ज्योतिष काम कैसे करता है। विज्ञान की अन्य शाखाओं की तरह ज्योतिष भी एक विज्ञान है। विज्ञान का अर्थ होता है, किसी भी विषय का क्रमबद्ध ज्ञान। आप ज्योतिष पर विश्वास करें या न करें यह पूरी तरह आपके विवेक पर निर्भर होता है लेकिन यह पूर्णतयाः सत्य है कि ज्योतिष द्वारा जो बताया जाता है। वह अवश्य होता है। ज्योतिष पर विश्वास करना या न करना ऐसा ही है जैसे कि धर्म और ईश्वर पर आप विष्वास करें या ना करें। वास्तव में यह है ही। हां इतना जरूर कहा जा सकता है कि कुछ ज्योतिषी अपने कम ज्ञान से लोगों को बरगलाने का कार्य करते है। हमें इससे जरूर सचेत रहना चाहिए।

ज्योतिष का ज्ञान समुद्र की तरह विशाल है। आज के लेख में हमने ज्योतिष शास्त्र की जानकारी देने की कोशिश की है। उम्मीद करते है यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर करें जिससे अन्य लोगों को भी इस जानकारी का लाभ मिले।

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