राशिफल क्या है (Rashifal in Hindi)

क्या आप भी रोज पढ़ते है राशिफल, जानिए राशिफल कितना होता है सही कितना गलत

हिन्दू धर्म में राशिफल (Horoscope) के माध्यम से काल-खण्डों के बारे में भविष्यवाणी की जाती है। जहां दैनिक राशिफल रोजाना की घटनाओं को लेकर भविष्यवाणी करता है तो वहीं साप्ताहिक, मासिक एवं वार्षिक राशिफल में क्रमशः सप्ताह, महीने और साल की भविष्यवाणी की जाती है। रोजमर्रा के जीवन में हर व्यक्ति अपने राशिफल के बारे में जानने को उत्सुक रहता है। आईये जानते है कि राशिफल क्या है, कैसे निकाला जाता है व उसके अन्य पहलुओं को जानने और समझने की कोशिश करते है।

राशिफल क्या है (Rashifal Kya Hoti Hai)

हर रोज हम अखबारों और न्यूज चैनलों में अपनी राशि का राशिफल देखते है। इस दैनिक राशिफल में सभी 12 राशियों (मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन) के दैनिक भविष्यफल के विषय में विस्तार से बताया जाता है। दैनिक राशिफल में आमतौर पर आपके लिए नौकरी, व्यापार, लेन-देन, परिवार और मित्रों के साथ संबंध, सेहत और दिनभर में होने वाली शुभ-अशुभ घटनाओं का भविष्यफल वर्णित होता है। इसके अलावा आप आज किस रंग के कपड़े पहने, क्या करें, क्या न करें। इसके बारे में बताया जाता है। कुछ ज्योतिषाचार्य दैनिक राशिफल में यह भी बता देते है कि आज आपका भाग्य कितना साथ देगा।

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राशिफल कैसे निकाला जाता है (Rashifal Kaise Dekhe | Rashifal Kaise Jane)

दैनिक राशिफल ग्रह-नक्षत्र की चाल पर आधारित फलादेश है, जिसमें सभी राशियों का दैनिक भविष्यफल विस्तार से बताया जाता है। इस राशिफल को निकालते समय ग्रह-नक्षत्र के साथ-साथ पंचांग की गणना का विश्लेषण भी किया जाता है। चंद्रमा सप्ताह भर में लग्न या राशि से जिस भाव में भ्रमण करता है, उस तरह से दैनिक व साप्ताहिक राशिफल निर्धारित किया जाता है।

चंद्रमा का अलग-अलग भाव में गोचर फल इस प्रकार है (Rashifal Kaise Banaya Jata Hai | Aaj Ka Rashifal | Today Rashifal | Rashifal Today)

प्रथम भाव:भाग्योदय, उपहार प्राप्ति, धन लाभ, उत्तम भोजन, कार्य की सफलता।
द्वितीय भाव:मन में अस्थिरता, असंतोष, नेत्र विकार, व्यर्थ की भागदौड़ व अपव्यय बताता है।
तृतीय भाव:पराक्रम में वृद्धि, धन का लाभ, प्रसन्नता, सम्मान, उन्नति के अवसरों का मिलना
चतुर्थ भाव:दिनचर्या अस्तव्यस्त होना, व्यर्थ की भागदौड़, परिवार में विवाद, अनिद्रा के बारे में पता चलता है।
पंचम भाव:शोक, संतान से कष्ट, वायु विकार, धन हानि
षष्ठ भाव:धन लाभ, शत्रुओं पर विजय, पारिवारिक सुख-शांति, स्वास्थ्य लाभ
सप्तम भाव:धन लाभ, यश, स्त्री व वाहन सुख, समस्या समाधान
अष्टम भाव:कष्ट, कार्य में बाधाएँ, धन हानि, अस्वस्थता
नवम भाव:अपयश, राज्य भय, व्यर्थ प्रवास, व्यापार में असफलता
दशम भाव:कार्य सिद्धि, सुख व लाभ की प्राप्ति, निरोगी काया
एकादश भाव:प्रसन्नता, धन लाभ, उत्तम भोजन व द्रव्य की प्राप्ति, परिजनों का सुख
द्वादश भाव:धन हानि, रोग, अपव्यय, दुर्घटना, वाद-विवाद


राशिफल का महत्व

राशिफल ने हमारे दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। राशिफल को पढ़कर ही हम अपनी दैनिक दिनचर्या को बनाते है। कुछ लोग राशिफल को नहीं मानते और उनका कहना है कि यह कोरी कल्पना है। यह उतना ही गलत है जैसे कि आप किसी धर्म विशेष को माने या ना माने लेकिन उस धर्म में बताई गई बाते कितनी सही है या गलत यह आपके विवेक पर निर्भर करता है। आपके मानने या ना मानने से उन बातों का अस्तित्व नष्ट नहीं हो जाता है। जो लोग राशिफल पर पूर्णतयः विश्वास करते है वे उसके अनुसार ही चलते है, जैसे दैनिक राशिफल में ग्रह-नक्षत्र की चाल के आधार पर आपको यह बताया जाता है कि आज के दिन आपके राशि के सितारे आपके अनुकूल हैं या नहीं। आज आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है या फिर किस तरह के अवसर आपको प्राप्त हो सकते हैं। दैनिक राशिफल को पढ़कर आप दोनों ही परिस्थिति (अवसर और चुनौतियों) के लिए तैयार हो सकते हैं।

दैनिक राशिफल मुख्यतः ज्योतिष शास्त्र के अंतर्गत ही आता है। हर जातक का उसकी राशि के आधार पर राशिफल होता है। वह प्रत्येक जातक का निजी होता है और उसका आधार प्रश्न कुंडली व नष्टजातकम् पद्धति होता है।

अंक ज्योतिष से राशिफल (Rashifal by Numerology)

अंक ज्योतिष पद्धति द्वारा भी दैनिक राशिफल निकाला जाता है। उस दैनिक राशिफल के लिए व्यक्ति को ज्योतिषी से प्रश्न करना होता है कि ‘मेरा आज का दिन कैसा रहेगा? (Aaj Ka Rashifal), तब ज्योतिषी प्रश्न कुंडली के आधार पर अथवा उस व्यक्ति से कोई अंक पूछकर उसके दिन के बारे गणना कर उस दिन का भविष्य संकेत उसे बताता है। इस तरह जो दैनिक राशिफल बताया जाता है वह पूर्ण रूप से व्यक्तिगत होता है न कि सार्वजनिक। अंक ज्योतिष के आधार पर निकाला गया राशिफल को गंभीरता से न लेते हुए अपनी राशि से निकाले गये राशिफल पर ज्यादा विश्वास करना चाहिए क्योंकि वह ग्रह स्थितियों, दशाओं व अपनी राशि गोचर देखकर निकाला जाता है। यदि किसी दिन के बारे में अधिक विस्तार से जानना बहुत आवश्यक हो तो किसी विद्वान ज्योतिष से प्रश्न कर इस संबंध में निर्णय करना अधिक श्रेयस्कर व लाभदायक रहता है।

नाम के अनुसार राशिफल (Rashifal by Name | Horoscope by Name in Hindi)

व्यक्ति के नाम का पहला अक्षर उस राशि के अनुसार रखा जाता है जिसमें व्यक्ति के जन्म के समय चंद्रमा जिस राशि में होता है, और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भी नाम का पहला अक्षर राशि चक्र का ही होता है। इसलिए ज्योतिष शास्त्र में नाम के पहले अक्षर को काफी महत्व दिया गया है क्योंकि इसके अनुसार ही आपकी राशि का निर्धारण होता है। 

12 राशियों में नाम के अनुसार आपकी राशि (Zodiac Sings by Name | Naam se Rashi Kaise Nikale)

मेष  -Aries (Mesha)अ,च, चू, चे, ला, ली, लू, ले
वृषभ –  Taurus (Vrishabha)उ, ए, ई, औ, द, दी, वो
मिथुन- Gemini (Mithuna)के, को, क, घ, छ, ह, ड
कर्क- Cancer (Karka)ह, हे, हो, डा, ही, डो
सिंह – Leo (Singha)म, मे, मी, टे, टा, टी
कन्या – Virgo (Kanya)प, ष, ण, पे, पो, प
तुला – Libra (Tula)रे, रो, रा, ता, ते, तू
वृश्चिक – Scorpio (Vrushchika)लो, ने, नी, नू, या, यी
धनु  – Sagittarius (Dhanu)धा, ये, यो, भी, भू, फा, ढा
मकर  – Capricorn (Makara)जा, जी, खो, खू, ग, गी, भो
कुंभ –   Aquarius (Kumbha)गे, गो, सा, सू, से, सो, द
मीन – Pisces (Meena)दी, चा, ची, झ, दो, दू

हर राशि के पहले अक्षर के आधार पर उस नाम के व्यक्ति के राशिफल का निर्धारण होता है।

जन्मतिथि के अनुसार राशिफल (Rashifal by Date of Birth in Hindi | Horoscope by Date of Birth in Hindi)

जन्मतिथि के अनुसार राशिफल की गणना के लिए हर माह के 30 दिन विभिन्न राशियों के निर्धारण है और उसी के अनुसार राशिफल निकाला जाता है। जैसे – Janmtithi Se Apni Rashi Kaise Pata Kare

  • 21 मार्च से 20 अप्रैल के बीच जन्म लेेने वाले जातकों की मेष राशि,
  • 21 अप्रैल से 21 मई के बीच वृषभ राशि,
  • 22 मई से 21 जून मिथुन राशि,
  • 22 जून से 22 जुलाई के बीच कर्क राशि,
  • 23 जुलाई से 21 अगस्त के बीच सिंह राशि,
  • 22 अगस्त से 23 सितम्बर तक कन्या राशि,
  • 24 सितम्बर से 23 अक्टूबर तक तुला राशि,
  • 24 अक्टूबर से 22 नवम्बर तक वृश्चिक राशि,
  • 22 नवम्बर से 22 दिसम्बर के बीच पैदा हुए जातकों की जन्मतिथि के अनुसार राशि मीन होती है।

राशिफल पर विश्वास करना चाहिए कि नहीं (Kya Rashifal Sahi Hota Hai)

कुछ लोगों का मानना है कि राशिफल पूर्णतयः असत्य है और उस पर विश्वास नहीं करना चाहिए। उनका मतान्तर है कि कर्म पर विश्वास रखना चाहिए क्योंकि कर्म ही प्रधान है। अगर कर्म करोगे तो भाग्य अवश्य ही बदलेगा। यह सत्य है लेकिन पूर्णतयाः नहीं क्योंकि अगर भाग्य में कुछ लिखा है तो वह तो होकर ही रहेगा। उसे कोई नहीं बदल सकता। इसलिए राशिफल की महत्ता और अधिक बढ़ जाती है क्योंकि वार्षिक राशिफल की मदद से हम यह जान पाते है कि अमुक साल हमारे साथ क्या घटना घटित होने वाली है।

बारह राशियाँ 125 करोड़ लोग भारत वर्ष में। यानी एक राशि के दस करोड़ से ज्यादा लोग। ऐसे में यह जरूरी नहीं कि जो राशिफल एक राशि में वर्णित है, वह सभी व्यक्तियों पर लागू हो जैसे कि राशिफल में अमुक राशि में लिखा है कि आपकी यात्रा सुखद रहेगी या फिर आपको आर्थिक हानि की सम्भावना है तो इस बात की संभावना नही होती है कि सभी को आर्थिक हानि हो जाये। अगर कोई व्यक्ति यात्रा ही नहीं कर रहा है तो फिर उसकी यात्रा अच्छी या बुरी होने का प्रश्न ही नहीं उठता है।
हां इंटेरनेट या यू ट्यूब पर जो राशिफल प्रसारित किया जाता है उसका कोई औचित्य नहीं होता है। वह पूर्ण रूप से भ्रामक होता है क्योंकि वह मनगढंत रूप से बनाया जाता है। ऐसे में आपको उसको मानने पर लाभ की जगह हानि ही होगी। इसलिए उस राशिफल को देखकर उस पर विषय नहीं करना चाहिए।

अपने राशिफल के बारे में हर व्यक्ति के मन में रोज जिज्ञासा रहती है। हर व्यक्ति रोज अपने राशिफल को जानना चाहता है। आज के लेख में हमने राशिफल के बारे में आपको अधिक से अधिक जानकारी देनी की कोशिश की। उम्मीद करते है यह जानकारी आपको पसंद आयी होगी। इस महत्वपूर्ण जानकारी को और लोगों को भी बताये ताकि लोगों के मन में राशिफल को लेकर जो सवाल उठता है कि राशिफल सही होता है या गलत इसको लेकर जो भ्रम की स्थिति हो वह दूर हो सके।

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नाम से राशि कैसे जाने | Naam Se Rashi Kaise Jane

हिन्दू धर्म में राशि के नाम को लेकर लोगों में बहुत उत्सुकता रहती है। हर व्यक्ति यह जानना चाहता है कि उसकी राशि कौन सी है। राशि दो प्रकार से निकालते है एक जन्म नाम के अनुसार तो दूसरी नाम के अनुसार। आज के लेख में हम आपको नाम के अनुसार अपनी राशि को कैसे पता करें इस विषयक विस्तृत जानकारी देंगे।

नाम से अपनी राशि कैसे पता करें | Naam Se Apni Rashi Kaise Jane

हर व्यक्ति की जिन्दगी में उसके नाम का बहुत महत्वपूर्ण स्थान होता है इसलिए बच्चे का नाम रखते समय बहुत ध्यान रखा जाता है। जन्म के समय जो नाम रखा जाता है वह कुंडली में वर्णित होता है लेकिन उस नाम से उसे पुकारा नहीं जाता है। पुकारने वाला नाम अलग होता है जिसे उसके परिजन अपनी पसंद के अनुसार रखते है। इस नाम के अनुसार ही उसकी राशि का निर्धारण होता है। कभी-कभी किसी व्यक्ति के दो नाम भी होते है। घर का नाम अलग और बाहर का नाम अलग। इस तरह नाम के अनुसार उसकी दो राशियां हो जाती है। आपके नाम के पहले अक्षर के आधार पर ही आपकी राशि का निर्धारण होता है। ज्योतिष में 12 राशियां बताई गई है।

बारह राशियां निम्न है | 12 Zodiac Signs in Hindi | Zodiac Sign by Name

नाम का अक्षर राशि स्वामी
चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो और आमेष राशिमंगल
ई, उ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे और वोवृषभ शुक्र
का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को और हमिथुनबुध
ही, हू, हे, हो, डा, डी, डु, डे और डोकर्क राशिचन्द्रमा
मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टेसिंह राशिसूर्य
ढो, प, पी, पू, ष, ण, ठ, पे और पोकन्या राशिबुध
र, री, रू, रे, रो, ता, ति, तू और तेतुला राशिशुक्र
तो, न, नी, नू, ने, नो, या, यि और यूवृश्चिक राशि मंगल
य, यो, भा, भि, भू, ध, फा, ढ और भेधनु राशिबृहस्पति
भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा और गीमकर राशि शनि
गू, गे, गो, स, सी, सू, से, सो और दकुंभ राशिशनि
दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, च और चीमीन राशिब्रहस्पति

मेष राशि |

इस राशि का चित्र एक भेड़ समान होता है। इस राशि का स्वामी मंगल होता है। मेष राशि राशि ज्योतिष में पहली राशि होती है। यदि किसी व्यक्ति के नाम की शुरूआत चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो और आ अक्षर से शुरू हो तो उस व्यक्ति की राशि मेष होगी।

वृषभ राशि:

इस राशि का चित्र बैल होता है और इस राशि का स्वामी शुक्र है। वृषभ राशि द्वितीय राशि होती है। जिस व्यक्ति के नाम की शुरूआत ई, उ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे और वो हो तो उसकी राशि वृषभ होती है।

मिथुन राशि |

इस राशि के चित्र में नारी और पुरुष का जोड़ होता है, इस चित्र में नारी हाथ में वीना धारण किये हुए होती है। इस राशि का स्वामी बुध होता है। यह तृतीय राशि होती है। यदि किसी व्यक्ति के नाम की शुरूआत का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को और ह से हो तो उस व्यक्ति की राशि मिथुन होती हैं।

कर्क राशि:

इस राशि का स्वरूप केकड़े जैसा होता है। इस राशि का स्वामी चन्द्रमा होता है। यह राशि चैथी राशि होती है। यदि किसी व्यक्ति के नाम की शुरूआत ही, हू, हे, हो, डा, डी, डु, डे और डो अक्षर से हो, तो उस व्यक्ति की राशि कर्क होती है।

सिंह राशि:

इस राशि का चिन्ह शेर जैसे होता है। इस राशि का स्वामी सूर्य होता है। यह पांचवी राशि है। जिस जातक के नाम की शुरूआत मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे से तो उस जातक की राशि सिंह होती है।

कन्या राशि:

इस राशि के चित्र में एक कन्या हाथ में फुल लिए दिखाई देती है। इस राशि का स्वामी बुध होता है। यह छठी राशि है। जिन लोगों का नाम ढो, प, पी, पू, ष, ण, ठ, पे और पो से शुरू होता है, उन लोगों की राशि कन्या होती है।

तुला राशि:

इस राशि के चिन्ह में एक पुरुष होता है, जो अपने हाथ में तराजू लिए खड़ा है। इस राशि का स्वामी शुक्र होता है। यह सातवीं राशि है। जिन जातकों के नाम का पहला अक्षर र, री, रू, रे, रो, ता, ति, तू और ते अक्षर से हो तो उनकी राशि तुला होती है।

वृश्चिक राशि:

इस राशि की आकृति एक बिच्छू के समान होती है। इस राशि का स्वामी मंगल होता है। यह आठवीं राशि है। जिन लोगों के नाम का पहला अक्षर तो, न, नी, नू, ने, नो, या, यि और यू हो, उसकी राशि वृश्चिक होती है।

धनु राशि:

इस राशि के चित्र में एक पुरुष अपने हाथ में धनुष लिए दिखता है। इस राशि का स्वामी बृहस्पति होता है। यह नौवीं राशि है। जिन व्यक्तियों के नाम का पहला अक्षर य, यो, भा, भि, भू, ध, फा, ढ और भे से शुरू होता है, उनकी राशि धनु होती है।

मकर राशि:

इस राशि के चित्र में हिरण का मुख दिखाई देता है। इस राशि का स्वामी शनि होता है। यह दसवीं राशि है। जिन जातकों के नाम का पहला अक्षर भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा और गी अक्षर से शुरू हो, उनकी राशि मकर होती है।

कुंभ राशि:

इस राशि की आकृति में पुरुष अपने कंधे पर कलश लिए होता है। इसका स्वामी शनि होता है। यह ग्यारवीं राशि है। जिन लोगों के नाम का पहला अक्षर गू, गे, गो, स, सी, सू, से, सो और द अक्षर से शुरू होता है उसकी राशि कुंभ होती है।

मीन राशि:

इस राशि की आकृति में दो मछलियां होती है, जो इस प्रकार होती है कि एक की पूंछ दूसरी मछली के मुंह में होती है। इस राशि का स्वामी ब्रहस्पति होता है। यह बारहवीं राशि होती है। जिन लोगों के नाम का पहला अक्षर दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, च और ची अक्षर से शुरू होता है, उनकी राशि मीन होती है।

इस तरह आप अपने नाम के पहले अक्षर को देखकर नाम से अपनी राशि जान सकते है और अपना राशिफल देख सकते है। हर राशि का राशिफल हर दिन अलग-अलग होता है। आज के समय में लोगों में अपनी राशि के अनुसार राशिफल जानने की उत्सुकता रहती है। हर रोज सोशल मीडिया, अखबार और टीवी पर कई ज्योतिषाचार्य राशिफल बताते है। यदि आपको अपनी राशि का नाम पता है तो आप उसके अनुसार अपना राशिफल की जानकारी हो जायेगी। नाम से राशि में एक बड़ी दिक्कत होती है क्योंकि अगर एक व्यक्ति के दो नाम होंगे तो उनकी राशि भी अलग-अलग होगी। जैसे अगर किसी व्यक्ति के घर का नाम गोविन्द और बाहर का नाम आशुतोष है तो गोविन्द नाम से उसकी राशि कुंभ हुई जबकि आशुतोष नाम से उसकी राशि मेष हुई। इस तरह एक ही व्यक्ति के नाम के अनुसार दो अलग-अलग राशि हुई।

राशि का महत्व

हिंदू धर्म में अनेक संस्कारों जैसे-यज्ञोपवित्र, विवाह आदि के समय राशि की बहुत बड़ी भूमिका होती है। जब कभी भी किसी हिंदू व्यक्ति को विवाह करना होता है तो उसकी और उसकी होने वाली पत्नी की राशि मिलाई जाती हैं। इन दोनों राशियां का आपस में मेल करना आवश्यक होता है तभी वह विवाह सफल साबित होता है। अगर राशि में आपस में मैत्री नहीं होती तो इसका मतलब होता है कि भविष्य में अच्छे वैवाहिक जीवन का संकेत नहीं है तो ज्योतिषाचार्य ऐसी शादी नहीं करने की सलाह देते है। शादी का दिन निर्धारित करने के लिए भी कुंडली का महत्व होता है लेकिन यदि किसी व्यक्ति की कुंडली नहीं है तो पंडित राशि के नाम के अनुसार लड़का और लड़की की शादी का दिन तय कर देते है। इस तरह शादी का दिन निकालने में भी नाम का महत्ता होती है।

नाम से ही व्यक्ति की पहचान बनती है और नाम का हमारे जीवन पर बहुत गहरा असर पड़ता है। इन बारह राशियों का हमारे जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। बारह राशियों के अनुसार ही हमारे जीवन के गुण, अवगुण और चरित्र का निर्माण होता हैं।

राशिफल का महत्व

राशि के अनुसार ही राशिफल देखा जा सकता है। राशिफल दैनिक, मासिक और वार्षिक होता है। आपकी राशि को देखकर ही ज्योतिषाचार्य आपके विषय में सम्पूर्ण जानकारी देते है। वह ना सिर्फ वर्तमान में क्या चल रहा है। इसके विषय में बताते है बल्कि भविष्य में आपके साथ क्या होने वाला है इसके संबंध में भी आपको जानकारी देते है।

अगर आप किसी ज्योतिषी को अपना नाम बताते तो कुछ ही मिनटो में वह आपके नाम के प्रथम अक्षर से यह पता लगा लेता है कि आपकी राशि क्या है, आपका जन्म नक्षत्र क्या है, नक्षत्र का चरण कौन सा है। इतना ही नहीं वह यह भी बता देता है कि आपके जन्म के समय कौन सी दशा चल रही थी। उस दशा का भोगकाल कितना था। वर्तमान में आपकी राशि पर कौन सी दशा चल रही है, वह कब तक चलेगी आदि के बारे में विस्तार से बता देता है।

राशियां और नक्षत्र

ऊपर के लेख में हमने बारह राशियों के बारे में जाना। अब उन राशियों में जो नक्षत्र होते है उनके बारे में जानते है। ज्योतिष में 12 राशियां में 27 नक्षत्र बताये गये हैं। हर राशि में 2 या 3 नक्षत्र आते हैं। हर नक्षत्र के 4 भाग होते हैं। नक्षत्र के हर भाग को चरण बताया गया कहते है और हर चरण में नाम के 4 अक्षर विद्यमान होते हैं।

मेष राशि में अश्विनि, भरणी, कृतिका आते है। वृष राशि में कृतिका, रोहिणी, मृगशिरा नक्षत्र जबकि मिथुन राशि में मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु आते है। कर्क राशि में पुनर्वसु, पुष्य, अश्लेषा नक्षत्र जबकि सिंह राशि में मघा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र आते है। कन्या राशि में उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा नक्षत्र जबकि तुला राशि में चित्रा, स्वाती, विशाखा नक्षत्र आते है। वृश्चिक राशि में विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा नक्षत्र जबकि धनु राशि में मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र आते है। मकर राशि में उत्तराषाढ़ा, श्रवण, घनिष्ठा नक्षत्र, कुंभ राशि में घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र मीन राशि में पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती नक्षत्र आते हैं।

इन नक्षत्रों की स्थिति देखकर ही कोई ज्योतिषी आपका भविष्यफल बताते है। नाम के अनुसार राशि कैसे पता करें इस संबंध में हमने आपको आज के लेख में बताने की पूरी कोशिश की। उम्मीद करते है इस लेख को पढ़कर आप आसानी से अपने नाम के अनुसार राशि को पता कर सकेंगे। आपको यह लेख कैसा लगा कमेंट बाॅक्स में कमेंट करके अवश्य बताये। हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगे तो अपने दोस्तों, परिजनों के साथ इसे सोशल मीडिया पर साझा अवश्य करें। ऐसे ही जानकारीपूर्ण लेखों को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट से जुड़े रहे।

जयश्रीराम

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