Ram Mandir Inauguration: जैसे-जैसे भगवान श्री राम जी के विशाल मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम नजदीक आते जा रहा है, वैसे-वैसे लोगों की बेसब्री भी बढ़ते ही जा रही है।, क्योंकि आखिर लंबे इंतजार के बाद यह मौका आ रहा है। बताना चाहते हैं कि, श्री राम जी के प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम जनवरी के महीने में 22 तारीख को रखा गया है। इसी दिन भगवान श्री राम जी अपने विशाल मंदिर में गर्भ गृह में विराजमान होंगे। इस मंदिर के लिए 16 जनवरी से बड़े पैमाने पर कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे। ऐसे में जो भक्त यह जानना चाहते हैं कि, भगवान श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा में क्या-क्या होगा, उन्हें हमारे इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ना चाहिए।
आयोजन तिथि और स्थल
पौष शुक्ल कूर्म द्वादशी, विक्रम संवत 2080, यानी सोमवार, 22 जनवरी, 2024 भगवान श्री राम जी की प्राण प्रतिष्ठा के लिए शुभ मुहूर्त निश्चित किया गया है।
शास्त्रीय पद्धति और समारोह–पूर्व परंपराएं
राम जी के प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम अभिजीत मुहूर्त में सभी प्रकार की शास्त्रीय परंपराओ को फॉलो करते हुए पूरी होगी। प्राण प्रतिष्ठा के पहले शुभ संस्कारों की शुरुआत साल 2024 में 16 जनवरी से ही शुरू हो जाएगी और यह 21 जनवरी तक चलेगी।
अधिवास प्रक्रिया एवं आचार्य
कम से कम तीन अधिवास अभ्यास में होते हैं और सामान्यत प्राण प्रतिष्ठा के समारोह में सात अधिवास होते हैं। यह समारोह तकरीबन 121 आचार्य की देखरेख में पूरा होगा। समारोह के मुख्य आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित होंगे जो कि बनारस के रहने वाले हैं, वही गणेश्वर शास्त्री के द्वारा सभी प्रक्रियाओं की निगरानी की जाएगी।
विशिष्ट अतिथिगण
इस अद्भुत पल को देखने के लिए अयोध्या में देश के प्रधानमंत्री मोदी जी, आरएसएस के मुख्य सरसंघचालक महान भागवत उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी हाजिर रहेंगी और अन्य महत्वपूर्ण व्यक्ति भी अयोध्या में उपस्थित रहेंगे।
विविध प्रतिष्ठान
कार्यक्रम में 50 से ज्यादा आदिवासी उपस्थित रहेंगे। महंत उपस्थित रहेंगे, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर मौजूद रहेंगे। संत-साधु उपस्थित रहेंगे। नागा साधु उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा गिरिवासी भी उपस्थित रहेंगे।
ऐतिहासिक आदिवासी प्रतिभाग
राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का समारोह एक ऐसा समारोह बनने वाला है, जहां पर पहली बार देश के अलग-अलग हिंदू धर्म से जुड़े हुए संप्रदायों के साधु संत एक साथ एक जगह पर इकट्ठे हो रहे हैं। रामानंद, रामानुज, निम्बार्क, माध्व, विष्णु नामी, रामसनेही, घिसापंथ, गरीबदासी, गौड़ीय, कबीरपंथी, वाल्मीकि, राधास्वामी और स्वामीनारायण, वारकरी, शंकरदेव (असम), माधव देव, इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन,शैव, वैष्णव, शाक्त, गाणपत्य, पात्य, सिख, बौद्ध, जैन, दशनाम शंकर, चिन्मय मिशन, भारत सेवाश्रम संघ, गायत्री परिवार, अनुकूल चंद्र ठाकुर परंपरा, ओडिशा के महिमा समाज, अकाली, निरंकारी, नामधारी (पंजाब), वीर शैव से संबंधित विभिन्न प्रकार की परंपरा 22 जनवरी को अयोध्या में भाग ले रही हैं।