हिन्दी कैलेडर का नया वर्ष, जानिए हिन्दू मासों का महत्व | Hindu Months Name in Hindi

जय श्री राम मित्रों ! आज हम आपको हिन्दू धर्म के मासों यानी महीनों के नाम बताने जा रहे हैं. आज आपको पता चल जायगा कि कब से शुरू होता है हिन्दी कैलेडर का नया वर्ष, तो आइये जानते हैं हिन्दू मासों का महत्व.

नव वर्ष 2023 के आगमन के साथ ही सभी लोग एक-दूसरे को नव वर्ष की शुभकामनाएं दे रहे है लेकिन क्या वास्तव में नव वर्ष आ गया है। तो आपका जवाब होगा हां लेकिन सच्चाई यह है कि यह नव वर्ष अंग्रेजी महीने के हिसाब से है। जबकि हिन्दी महीने के हिसाब से नव वर्ष तो चैत्र से शुरू होता है। हिन्दी कैलेण्डर के अनुसार ही व्रत, त्योहार और तिथियां पड़ती है। इस हिसाब से हिन्दी महीने का बहुत महत्व है लेकिन हिन्दी महीनों को जानने वालों की संख्या बहुत कम है। आज के लेख में हम ना सिर्फ आपको हिन्दी कैलेण्डर के महीनो के नाम बताएंगे बल्कि हर महीने में पड़ने वाले व्रत, त्योहार के विषय में भी बताएंगे। इतना ही नही हम आपको यह भी बताएंगे कि अंग्रेजी कैलेण्डर हिन्दी महीने के साथ-साथ किस तरह चलता है।

हिन्दी महीनो के नाम | Hindi Mahino Ke Naam | Hindu Calendar Months

अंग्रेजी कैलेण्डर की तरह ही हिन्दी कैलेण्डर में भी बारह महीनो होते है। यह महीने है-

S. NOHINDI MONTHS NAMEENGLISH MONTHS
1चैत्र (Chaitra)मार्च-अप्रैल
2बैशाख (Baisakh)मार्च-अप्रैल
3जेठ, Jyaisthaमई-जून
4आषाढ़, Asadhaजून-जुलाई
5सावन, Shravanaजुलाई-अगस्त
6भादो, Bhadraअगस्त-सितम्बर
7अश्विन, Asvinaसितम्बर-अक्टूबर
8कार्तिक, Kartikaअक्टूबर-नवम्बर
9अगहन, Agrahayana नवम्बर-दिसम्बर
10पौष, Pausaदिसम्बर-जनवरी
11माघ, Maghaजनवरी-फरवरी
12फागुन, Phalguna फरवरी-मार्च


हर माह 30 दिन का होता है जिसमें चंद्रमा की कलाओं के अनुसार 15-15 दिन के दो पक्ष होते हैं। कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष। जब चंद्रमा अपनी तेजी में होता है उसका आकार गोल होता है उस दिन पूर्णिमा होती है जबकि जब चंद्रमा घटता जाता है तो उस दिन अमावस्या होती है। पूर्णिमा से अमावस्या के बीच के समय को कृष्ण पक्ष जबकि अमावस्या से पूर्णिमा के बीच के समय को शुक्ल पक्ष कहते है। इन सभी महीनों का अलग-अलग महत्व होता है। तो आईये इन महीनों के विषय में विस्तार से जानते हैं।

चैत्र का महिना | Hindu Month Chaitra

हिन्दी कैलेंडर की शुरूआत चैत्र के महीने से होती है। इसी माह से मौसम में भी व्यापक बदलाव आता है। शरद ऋतु खत्म हो जाती है और ग्रीष्म ऋतु का आगमन होने लगता है। इसी माह के पहले दिन से विक्रम संवत भी शुरू हो जाता है। ज्योतिष के हिसाब से भी यह महीना उत्तम फल देने वाला होता है। अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से देखे तो यह मार्च-अप्रैल का महीना होता है। इसी माह के पहले दिन से देवी मां के नवरात्रि की शुरूआत होती है। इसे चैत्र नवरात्रि कहते हैं। चैत्र माह की नवमी वाले दिन भगवान श्री राम का जन्मदिन होता है जिसे रामनवमी के नाम से जाना जाता है। इस माह की पूर्णिमा को हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता है। चूंकि इस महीने में मौसम में व्यापक बदलाव आता है। ऐसे में इस माह कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। इस माह से अनाज खाना कम कर देना चाहिए, ग्रीष्म ऋतु के आगमन के चलते प्यास अधिक लगने लगती है इसलिए पानी अधिक पीना शुरू कर देना चाहिए। बासी भोजन भूलकर भी नहीं खाना चाहिए। फल, ड्राई फ्रूट का सेवन करना सर्वोत्तम होता है।

बैसाख का महिना | Hindu Month Vaisakha

हिन्दी कैलेडर का दूसरा महीना बैशाख होता है। अंग्रेजी कैलेडर के हिसाब से देखे तो यह अप्रैल-मई का महीना होता है। इस माह में बैशाखी पर्व मनाया जाता है। पंजाब में बैशाखी के साथ ही नया साल मनाते है। इस महीने में गौतम बुद्ध का जन्मोत्सव बुद्ध पूर्णिमा भी मनाया जाता है। पूजा-पाठ के दृष्टिकोण से बैशाख माह का बहुत महत्व है। इस माह में श्री हरि भगवान विष्णु और कृष्ण जी का विधान है। इस माह में गंगा स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

ज्येष्ठ का महिना | Hindu Month Jyaistha

जैसा कि नाम से ही जाहिर है ज्येष्ठ यानि बड़ा। यह महीना काफी बड़ा होता है। इस माह में गर्मी अपनी चरम सीमा पर होती है। अंग्रेजी कैलेडर के हिसाब से ये महीना मई-जून में पड़ता है। शनि जयंती, वट सावित्री व्रत, गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी जैसे कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार ज्येष्ठ मास में पड़ते है। उत्तर भारत के कुछ शहरों में जेठ मास के मंगलवार के दिन हनुमान जी के मंदिरों में भंड़ारा लगता है।

ज्येष्ठ मास की दशमी तिथि पर गंगा दशहरा का पावन पर्व मनाया जाता है। इस दिन गंगा के तट पर लाखों श्रद्धालु डुबकी लगाते हैं। पुराणों में वर्णित है कि गंगा दशहरा वाले दिन गंगा जी धरती पर अवतरित हुईं थी। निर्जला एकादशी अर्थात इस दिन लोग निर्जल रहकर एकादशी का व्रत रखते है। साल भर में 24 एकादशी पड़ती है जिनमें निर्जला एकादशी का सबसे ज्यादा महत्व होता है। इसी माह जगन्नाथ पुरी में जगन्नाथ यात्रा भी निकलती है। ज्येष्ठ माह की अमावस्या वाले दिन शनि जयंती का पर्व मनाया जाता है।

आषाढ का महिना | Hindu Month Asadha

आषाढ़ मास से मौसम में बदलाव आता है। इस मास से वर्षा ऋतु का आगमन होता है। इस लिहाज से इसे किसानों का मास कहा जाता है। अंग्रेजी कैलेडर के अनुसार से देखे तो यह महीना जून-जुलाई में आता है। इसी माह गुरू पूर्णिमा और देवशयनी एकादशी पड़ती है। देवशयनी एकादशी अर्थात इस तिथि के बाद से देव सो जाते है और सभी मांगलिक कार्य बंद हो जाते है। इस मास में सूर्यदेव और मंगल की विशेष उपासना करनी चाहिए। इस माह में कुछ चीजों का विशेष ख्याल रखना चाहिए। बारिश होने के चलते पानी में जीव-जंतु आने लगते हैं। ऐसे में पानी को छानकर या उबालकर ही पीना चाहिए। इस मास से जलयुक्त फल जैसे पपीता, तरबूज का सेवन करना चाहिए।

सावन का महिना | Shravan Month Importance | Hindu Shravan Maas | Sawan Month

सावन का महीना बहुत पवित्र माना गया है। यह पूरा माह भगवान शिव की आराधना को समर्पित है। इस मास में भगवान शिव के साथ माता पार्वती की भी पूजा की जाती है। यह महीना जुलाई-अगस्त में पड़ता है। इस महीने में कुंवारी कन्याएं उत्तम वर की प्राप्ति के लिए सावन के सोमवार का व्रत रखती हैं। कुछ लोग पूरे सावन माह में व्रत रखते हैं। इस महीने में कई त्योहार पड़ते हैं। भाई-बहन के रिश्तों के बीच के बंधन का त्योहार रक्षाबंधन, श्रीकृष्ण जी का जन्मोत्सव जन्माष्टमी का पर्व इसी माह आता है। नागपंचमी व हरियाली तीज का त्योहार भी सावन मास में पड़ता है।

भादो का महिना | Hindu Month Bhadra

भादो माह हिन्दू कैलेडर का छठा महीना होता है। अंग्रेजी कैलेडर के हिसाब से यह महीनो अगस्त-सितम्बर में आता है। इस महीने गणेश पूजा का उत्सव मनाया जाता है। लोग मन्दिरों और घरों में गणेश प्रतिमा की स्थापना करते हैं और अनंत चैदस के दिन गणेश जी की प्रतिमा को पवित्र नदी में विसर्जित किया जाता है। इस महीने में हरितालिका तीज और ऋषि पंचमी का पर्व भी पड़ता है। इस माह की अष्टमी को राधा अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस माह में श्रीकृष्ण जी की आराधना से उत्तम फल की प्राप्ति होती है। इसी माह से 15 दिन के पितृ पक्ष भी शुरू हो जाते है। पितृ पक्ष के दौरान लोग अपने पितरों को याद करते हैं और उनके निर्मित तर्पण करते हैं।

अश्विन का महिना | Hindu Month Asvina

इस महीने को कई जगह कुंवार के नाम से भी पुकारा जाता है। अग्रेजी कैलेडर के हिसाब से यह माह सितम्बर-अक्टूबर में पड़ता है। अश्विन मास बहुत ही पवित्र माह माना गया है क्योंकि इस मास हिन्दू धर्म के कई व्रत त्योहार पड़ते हैं। अश्विन मास में माता दुर्गा की नवरात्रि, दुर्गा पूजा, विजया दशमी और दीपावली का त्योहार पड़ता है। इसी माह की पूर्णिमा के दिन शरद पूर्णिमा का पर्व पड़ता है। इस दिन आकाश से अमृत वर्षा होती है।

कार्तिक का महिना | Hindu Month Kartika

कार्तिम मास में की गई पूजा से सभी तीर्थ स्थलों के बराबर पूजा का फल मिलता है। यह माह अंग्रेजी कैलेडर के दिसाब से अक्टूबर-नवम्बर में पड़ता है। इस माह भी कई पर्व-त्योहार पड़ते है। गोवर्धन पूजा, भाई दूज और कार्तिक पूर्णिमा का पर्व इसी माह में पड़ता है। कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली के नाम से पुकारा जाता है। इस दिन संध्या काल में दीपदान किया जाता है। देवउठनी एकादशी भी इसी माह पड़ती है। इस दिन देव उठ जाते हैं और विवाह आदि मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं।

अगहन का महिना | Hindu Month Agrahayana

हिन्दू कैलेंडर का नौवा महीना अगहन का होता है। अंग्रेजी कैलेडर के अनुसार यह माह नवम्बर-दिसम्बर में पड़ता है। यह मास भगवान श्रीकृष्ण को बहुत प्रिय होता है। इस माह में शंख की पूजा करनी चाहिए क्योंकि शंख में मां लक्ष्मी का वास होता है। भगवान विष्णु शंख को धारण करते हैं। इस माह में पवित्र यमुना नदी में स्नान करने से हर दोष से छुटकारा मिलता है। इसी महीने में वैकुण्ठ एकादशी का पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

पौष का महिना | Hindu Month Pausa

इस माह को पूष के नाम से भी पुकारा जाता है। इस महीने में ऋतु परिवर्तन होता है। ठण्ड का असर बढ़ने लगता है। अंग्रेजी कैलेण्डर के हिसाब से यह माह दिसम्बर-जनवरी में पड़ता है। इस महीने लोहड़ी, पोंगल, मकर संक्रान्ति जैसे पर्व पड़ते है। इस माह में सूर्य देव की उपासना करने का विधान है। स्नान-दान के दृष्टिकोण से भी यह महीना बहुत पवित्र माना गया है।

माघ का महिना | Hindu Month Magha

माघ महीना अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से जनवरी-फरवरी में आता है। इस माह विद्या की देवी माता सरस्वती की आराधना का पर्व बसंत पंचमी मनाया जाता है। इसी माह महाशिवरात्रि का पर्व भी पड़ता है। शिवरात्रि वाले दिन भगवान शिव शंकर के निर्मित व्रत रखा जाता है। कई जगहों पर शंकर जी की बारात भी निकाली जाती है। उत्तर भारत में माघ मेला लगता है।

फाल्गुन का महिना | In Which Hindu Month Holi is Celebrated | Hindu Month Phalguna

हिन्दू पंचांग के अनुसार यह 12वां महीना होता है। इस माह में रंगों का त्योहार होली मनाया जाता है। अंग्रेजी कैलेडर के अनुसार यह फरवरी-मार्च महीने में आता है। फाल्गुन मास से ही ऋतु परिवर्तन भी होने लगता है। सर्दी का प्रकोप कम होने लगता है। गर्मी आरम्भ हो जाती है। इस माह को आनंद और उल्लास का माह भी कहते है क्योंकि इस माह में एकता का त्योहार होली मनाया जाता है।

पुरूषोत्तम मास (अधिक मास) | Adhik Maas | Purshottam Months in Hindu Dharm

हर तीन साल में एक बार पुरूषोत्तम मास या अधिक मास आता है। इसे मलमास भी कहते हैं। अधिक मास में शुभ व मांगलिक कार्य वर्जित होते है क्योंकि यह मलिन मास होता है। अधिक मास भगवान विष्णु को समर्पित मास होता है। इस मास में भगवान विष्णु की आराधना करने वाले जातक को भगवान विष्णु का आर्शीवाद मिलता है और उसकी हर मनोकामना पूरी होती है।

निष्कर्ष

हिन्दू धर्म के व्रत, त्योहार और तिथियों का निर्धारण हिन्दी कैलेंडर से ही होता है। पंचाग के निर्माण में भी हिन्दी कैलेडर अग्रणी भूमिका निभाता है। इतना ही नहीं सूर्य ग्रहण और चन्द्र ग्रहण की सही गणना भी इसी कैलेंडर से होती है। तो दोस्तों आज के लेख में हमने आपको हिन्दी कैलेंडर के विषय में सारी जानकारी विस्तार से प्रदान की। उम्मीद करते है उक्त जानकारी आपके लिए लाभदायक साबित होगी। अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इसे सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों, परिजनों के साथ साझा अवश्य करें। ऐसे ही धार्मिक और जानकारीपूर्ण लेखों को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट से जुड़े रहें।

जयश्रीराम

शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *