पापमोचिनी एकादशी व्रत कथा | Papamochani Ekadashi in Hindi

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सभी पापों को नष्ट करता है पापमोचिनी एकादशी का व्रत, जाने व्रत की पूरी विधि व कथा हिन्दू धर्म में व्रत, उपवास का बहुत अधिक महत्व है। व्रत को रखने के पीछे आध्यात्मिक व वैज्ञानिक दोनों कारण होते हैं। व्रत रखने से शरीर स्वस्थ और मन शांत होता है। अलग-अलग तिथियों पर अलग-अलग व्रतों को रखने की परंपरा है। हर व्रत का अलग-अलग महत्व भी होता है। इन्हीं व्रतों में से एक है एकादशी का व्रत। एकादशी
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शीतला अष्टमी कब है, जानिए कैसे करनी चाहिए इस दिन शीतला माता की पूजा

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हिंदू धर्म में अनेक व्रत त्योहार होते हैं। हर त्योहार का एक विशेष महत्व होता है। 8 मार्च, 2023 से चैत्र मास की शुरूआत हो गई है। चैत्र मास में अनेक व्रत त्योहार पड़ते हैं। इन्ही त्योहारों में एक हैं शीतला अष्टमी का त्योहार। शीतला अष्टमी का त्योहार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इसे बसोडा के नाम से भी जाना जाता हैं। शीतला अष्टमी के दिन माता शीतला की पूरे
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होली क्यों मनाई जाती है | Holi Kyu Manaya Jata Hai

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होली स्पेशल: घर की सुख-समृद्धि के लिए होली के दिन जरूर करें ये उपाय हिन्दू धर्म में होली पर्व एक प्रमुख त्योहार होता है। होली का त्योहार दो दिन मनाया जाता है। एक दिन होली जलाई जाती है जिसे होलिका दहन कहते हैं, दूसरे दिन रंगों वाली होली खेली जाती है जिसे धुलंदी भी कहते है। सभी लोग मिलकर एक दूसरे को रंग, अबीर गुलाल लगाते हैं। एक दूसरे के गले लगते है और बधाईयां देते है।
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आमलकी एकादशी क्यों मनाई जाती है | Amalaki Ekadashi Vrat Katha

Amalaki Ekadashi Vrat Katha

“आमलकी एकादशी पर क्यों होती है आंवले के पेड़ की पूजा“ हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। एकादशी का व्रत जगत के पालनहार श्री हरि भगवान विष्णु को समर्पित होता है। हर माह एकादशी पड़ती है। फाल्गुन माह में जो एकादशी पड़ती है उसे आमलकी एकादशी कहा जाता है। होली से पहले पड़ने के चलते इसे रंगभरी एकादशी भी कहा जाता है। आमलकी का हिन्दी अर्थ भारतीय आंवला होता है। आमलकी एकादशी पर आंवले
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होलाष्टक कब से लगेगा | Holashtak in Hindi

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होलाष्टक विशेष: होलाष्टक क्यों होते हैं अशुभ, भूलकर भी इन दिनों में ना करें ये कार्य हिन्दू धर्म में होली का त्योहार बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। हर वर्ष फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन होली पर्व मनाया जाता है। होली के पर्व में सभी लोग आपसी बैर भाव भुलाकर एक दूसरे से गले मिलते हैं और रंग लगाते है। पुराणों में बताया गया है कि फाल्गुन पूर्णिमा यानि जिस दिन होलिका दहन
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विनायक चतुर्थी : Vinayak Chaturthi Vrat Katha

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विनायक चतुर्थी विशेष: विनायक चतुर्थी के दिन क्यों नहीं देखते चांद, जाने इसके पीछे का बड़ा कारण हिन्दू धर्म में गणेश जी की पूजा का विशेष महत्व है। गणेश जी को प्रथम पूज्य भगवान के रूप में पूजा की जाती है। किसी भी शुभ कार्य की शुरूआत से पहले भगवान गणेश जी की पूजा करने का विधान है। कई श्रद्धालु भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए उनके निर्मित व्रत भी रखते है। गणेश जी के इन्हीं
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सोमवती अमावस्या की कथा | Somvati Amavasya Ki Katha

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सोमवती अमावस्या विशेष: सोमवती अमावस्या पर कर लें ये उपाय, जीवन की सभी बाधाएं होंगी दूर हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का बड़ा महत्व है। हर माह में अमावस्या तिथि पड़ती है। अमावस्या की तिथि को पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। सोमवार के दिन जो अमावस्या पड़ती है उसे सोमवती अमावस्या कहते है। यह साल में एक या दो बार पड़ती है। सोमवती अमावस्या पर माता पार्वती और भोलेनाथ शिव
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महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है | Maha Shivratri Kab Hai

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महाशिवरात्रि पर इन नियमों से भोलेनाथ पर चढ़ाएं बेल पत्र, मिलेगी भोलेनाथ की असीम कृपा हिन्दू धर्म में महाशिवरात्रि पर्व का बहुत महत्व है। वैसे तो साल भर में कुल 12 शिवरात्रि आती हैं। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि मनाई जाती है। बाकी अन्य 11 माह के कृष्ण पक्ष को जो शिवरात्रि पड़ती है वह मासिक शिवरात्रि कहलाती है। इस दिन देवों के देव महादेव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था। ऐसी
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यशोदा जयंती कब मनाई जाती है | Yashoda Jayanti Vrat Katha

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हिन्दू धर्म में फाल्गुन माह त्योहारों के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण माह है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को यशोदा जयंती मनाई जाती है। यह तो हम सभी जानते है कि भगवान श्रीकृष्ण ने माता देवकी के गर्भ से जन्म लिया था और माता यशोदा ने उनका लालन-पालन किया था। इन्हीं माता यशोदा के जन्मदिन को यशोदा जयंती के रूप में मनाया जाता है। यशोदा जयंती को भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी
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द्विजप्रिय संकष्टी पर इस तरह करें आदि देव गणेश जी की पूजा | Dwijapriya Sankashti Chaturthi

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फाल्गुन मास की शुरूआत 06 फरवरी से हो रही है। इस महीने द्विजप्रिय संकटी चतुर्थी, महाशिवरात्रि, सोमवती अमावस्या, होली जैसे बड़े त्योहार पड़ते हैं। फाल्गुन मास का पहला व्रत संकष्टी चतुर्थी का है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। मान्यता के अनुसार गौरी पुत्र भगवान गणेश के चार सिर और चार भुजाएं हैं। भगवान गणेश के इस स्वरूप की आराधना करने से सभी कष्टों का निवारण
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