हिन्दू धर्म में अनेक व्रत व त्योहार पड़ते है। इन्ही व्रत व त्योहारों में से एक है एकादशी का व्रत। एकादशी एक संस्कृत शब्द होता है जिसका अर्थ ग्यारह होता है। एकादशी का व्रत हर माह की ग्यारस तिथि को मनाया जाता है। हर माह में दो एकादशी पड़ती है। एक शुक्ल पक्ष में और दूसरी कृष्ण पक्ष में। इस तरह हर वर्ष में 24 एकादशी पड़ती है लेकिन जिस वर्ष में अधिक मास या पुरूषोत्तम मास पड़ता है उसमें एकादशी की संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। कुछ ही दिनों में नया वर्ष 2023 आने वाला है। आज के लेख में हम आपको नये साल में पड़ने वाली एकादशियों के बारे में बतायेंगे।
साल 2023 की एकादशी तिथि |एकादशी लिस्ट 2023 | Ekadashi List 2023
हर माह में दो 2 एकादशी पड़ती है, इस तरह साल में 24 एकादशी पड़ती है लेकिन अधिक मास या पुरूषोत्तम मास होने की स्थिति में इनकी संख्या 26 हो जाती है। पुराणों में उल्लेखित है कि हर तीन वर्ष में एक बार अधिक मास पड़ता है। साल 2023 में अधिक मास पड़ेगा। इस तरह साल 2023 में एकादशी की संख्या 26 हो जायेगी। यानी अधिक मास होने के कारण इस बार 2 अतिरिक्त एकादशी पड़ेंगी। आईये जानते है कि साल 2023 में किस माह में कौन-कौन सी एकादशी पड़ेगी।
एकादशी लिस्ट 2023 | Ekadashi Kab Hai 2023 | दिन और तिथि |
पौष मास पुत्रदा एकादशी (शुक्ल पक्ष) – | 2 जनवरी 2023, दिन-सोमवार |
माघ मास षटतिला एकादशी (कृष्ण पक्ष) – जया एकादशी (शुक्ल पक्ष) – | 18 जनवरी 2023, दिन-बुधवार 1 फरवरी 2023, दिन- बुधवार |
फाल्गुन मास विजया एकादशी (कृष्ण पक्ष) – आमलकी एकादशी (शुक्ल पक्ष) – | 16 फरवरी 2023, दिन- गुरूवार 3 मार्च 2023, दिन- शुक्रवार |
चैत्र मास पापमोचिनी एकादशी (कृष्ण पक्ष) – कामदा एकादशी (शुक्ल पक्ष) – | 18 मार्च 2023, दिन- शनिवार 01 अप्रैल 2023, दिन- शनिवार |
वैशाख मास वरूथिनी एकादशी (कृष्ण पक्ष) – मोहिनी एकादशी (शुक्ल पक्ष) – | 16 अप्रैल 2023, दिन- रविवार 01 मई 2023, दिन- सोमवार |
ज्येष्ठ मास अपरा एकादशी (कृष्ण पक्ष) – निर्जला एकादशी (शुक्ल पक्ष) – | 15 मई 2023, दिन- सोमवार 31 मई 2023, दिन- बुधवार |
आषाढ़ मास योगिनी एकादशी (कृष्ण पक्ष)- देवशयनी एकादशी (शुक्ल पक्ष)- | 14 जून 2023, दिन- बुधवार 29 जून 2023, दिन- गुरूवार |
सावन मास कामिका एकादशी (कृष्ण पक्ष) – पुत्रदा एकादशी – | 13 जुलाई 2023, दिन- गुरूवार 27 अगस्त 2023, दिन- रविवार |
अधिक मास पद्मिनी एकादशी (कृष्ण पक्ष) – परम एकादशी (शुक्ल पक्ष) – | 29 जुलाई 2023, दिन- शनिवार 12 अगस्त 2023, दिन- शनिवार |
भाद्रपद मास अजा एकादशी (कृष्ण पक्ष) – परिवर्तिनी एकादशी (शुक्ल पक्ष) – | 10 सितंबर 2023, दिन- रविवार 25 सितंबर 2023, दिन- सोमवार |
आश्विन मास इंदिरा एकादशी (कृष्ण पक्ष) – पापांकुशा एकादशी (शुक्ल पक्ष) – | 10 अक्टूबर 2023, दिन- मंगलवार 25 अक्टूबर 2023, दिन- बुधवार |
कार्तिक मास रमा एकादशी (कृष्ण पक्ष) – देवउठनी एकादशी (शुक्ल पक्ष) – | 9 नवंबर 2023, दिन- गुरूवार 23 नवंबर 2023, दिन- गुरूवार |
मार्गशीर्ष माह (अगहन) उत्पन्ना एकादशी (कृष्ण पक्ष) – मोक्षदा एकादशी (शुक्ल पक्ष) – | 8 दिसंबर 2023, दिन- शुक्रवार 22 दिसंबर 2023, दिन- शुक्रवार |
साल 2023 में पड़ने वाली सभी एकादशियों का अपना-अपना महत्व है। अधिक मास होने पर पद्मिनी एकादशी व परम एकादशी ये दो एकादशी पड़ती है। सभी एकादशियों में देवउठनी एकादशी का सबसे ज्यादा महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवउठनी एकादशी के दिन से क्षीर सागर में विश्राम कर रहे भगवान विष्णु जागते है और सभी प्रकार के शुभ कार्य संचालित होने लगते है।
एकादशी व्रत का महत्व
एकादशी का व्रत एक कठिन व्रत है जिसे भक्त पूरी श्रद्धा के साथ एकादशी वाले दिन करते है लेकिन क्या आप जानते है एकादशी का व्रत तीन दिनों तक चलता है। एकादशी करने वाले भक्त उपवास के एक दिन पहले दोपहर में भोजन कर लेते है जिससे एकादशी वाले दिन पेट में अन्न न रहे। एकादशी वाले दिन कठिन उपवास रखते हे और द्वादशी को व्रत का पारण करते है। इस तरह यह व्रत तीन दिनों का हो जाता है।
हिन्दू धर्म में हर तिथि दो दिन तक रहती है इसी के चलते कुछ लोग एकादशी के व्रत को भी दो दिन रखने की सलाह देते है। पहले दिन परिवार वालों के लिए तो वहीं दूसरे दिन साधु, सन्यासियों के लिए। अगर आपको भगवान विष्णु का अपार आर्शीवाद चाहिए तो आप दोनों दिन एकादशी का व्रत रख सकते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत की महिमा का वर्णन स्वयं श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था। एकादशी का व्रत रखने वाले के सभी कार्य सम्पूर्ण होते है। घर में आर्थिक उन्नति होती है, दरिद्रता दूर होती है। अकाल मृत्यु नहीं होती है। धन, सम्मान, यश, कीर्ति में वृद्धि होती है।
एकादशी व्रत को निर्जल रखना हर दृष्टि से श्रेष्ठ होता है लेकिन अगर आप ऐसा करने में असमर्थ है तो दिन में फलाहार कर सकते है। ध्यान रहे फलाहार एक ही बार करे। बार-बार मुंह झूठा न करे। कुछ जातक व्रत वाले ही दिन ही पारण कर लेते हैं लेकिन शास्त्रों में ऐसा वर्णित है कि किसी भी व्रत का पारण अगले दिन ही करना चाहिए। इसलिए एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि को ही करना हर दृष्टि से उत्तम फलदायक होता है।
एकादशी का मतलब उसके नाम में ही वर्णित है। एकादशी अर्थात हमें अपनी 10 इंद्रियों और 1 मन को नियंत्रित करना चाहिए। एकादशी का व्रत करने वाले जातक को अपने मन में काम, क्रोध, लोभ आदि के नकारात्मक विचार नहीं लाने चाहिए। शुद्ध रूप से सात्विक विचारों को अपने मन में लाना चाहिए। एकादशी का व्रत एक तपस्या है जो केवल श्री हरि भगवान विष्णु को महसूस करने और प्रसन्न करने के लिए की जानी चाहिए। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी तिथि भगवान विष्णु को बेहद प्रिय है। पुराणों में इसका वर्णन है कि जो भी व्यक्ति एकादशी का व्रत करता है उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। एकादशी का व्रत उन सभी के लिए महत्वपूर्ण है जिनमें ईश्वर की आस्था है।
आज हमने साल 2023 में पड़ने वाली एकादशियों के बारे में आपको बताया। किस माह में कौन सी एकादशी पड़ेगी। उसके विषय में आपको जानकारी दी। उम्मीद करते है ये लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपको ये लेख अच्छा लगा हो तो इसे लाइक, शेयर जरूर करें। इसी तरह के धार्मिक लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट से जुड़े रहे
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