नाम से राशि कैसे जाने | Naam Se Rashi Kaise Jane

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हिन्दू धर्म में राशि के नाम को लेकर लोगों में बहुत उत्सुकता रहती है। हर व्यक्ति यह जानना चाहता है कि उसकी राशि कौन सी है। राशि दो प्रकार से निकालते है एक जन्म नाम के अनुसार तो दूसरी नाम के अनुसार। आज के लेख में हम आपको नाम के अनुसार अपनी राशि को कैसे पता करें इस विषयक विस्तृत जानकारी देंगे। नाम से अपनी राशि कैसे पता करें | Naam Se Apni Rashi Kaise Jane हर
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राशि क्या है | कैसे होता है राशि का निर्धारण | Rashi in Hindi

हिंदू धर्म में राशि का बहुत महत्व होता है। राशि के आधार पर किसी व्यक्ति के स्वभाग, आचरण का पता लगाया जा सकता है। हर व्यक्ति की दो राशियां होती है, एक जन्म के आधार पर निर्धारित होती है और दूसरी पुकारने वाली राशि। राशि शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है समूह। आज के लेख में हम राशि क्या है, कितनी होती है राशियां, कैसे राशि का निर्धारण आदि के विषय में
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पौष पूर्णिमा कब है | Paush Purnima Vrat

पौष पूर्णिमा विशेष: पौष पूर्णिमा पर जरूर करें ये उपाय, जाग उठेगा सोया हुआ भाग्य हिन्दू धर्म में पूर्णिमा तिथि का बहुत महत्व है। पूर्णिमा को अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है, कुछ लोग पूर्णमासी तो कुछ लोग इसे पौर्णिसी के नामों से भी पुकारते हैं। हर माह के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि पूर्णिमा कहलाती है। इस तरह 12 माह में 12 पूर्णिमा पड़ती है। इसे हिन्दू महीनों के हिसाब से अलग-अलग नाम
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गोवर्धन पूजा क्यों की जाती हैं | Govardhan Puja in Hindi

दोस्तों, दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती हैं यह पूजा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है पर क्या आपको पता है कि गोवर्धन पूजा क्यों मनाई जाती हैं ? हमारे हिंदू धर्म में कई सारे ऐसे त्यौहार है जिसे सभी लोग बहुत ही उत्साह और खुशी से मनाते हैं लेकिन उन्हें यह पता ही नहीं होता कि जो पूजा वो कर रहे हैं उसके पीछे का कारण क्या है
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तुलसी पूजन दिवस विशेष: बड़ी गुणकारी है तुलसी की पत्ती, जानिए क्यों मुरझाता है तुलसी का पौधा | Tulsi Diwas Kab Hai

हिन्दू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि तुलसी के पौधे में माता लक्ष्मी स्वयं विराजमान होती है। इसे घर में लगाना हर दृष्टिकोण से शुभ माना जाता है। जिन घरों में तुलसी का पौधा होता है उन घरों में शुभता आती है। हिन्दू धर्म में तुलसी को माता कहा जाता है। पुराणों में तुलसी पूजा का बहुत महत्व है। हर वर्ष दिसम्बर माह की 25 तारीख को तुलसी पूजन
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पितृ शांति के लिए खास है पौष अमावस्या का दिन, इन उपायों को करने से मिलेगा पितरों का आर्शीवाद | Paush Amavasya Kab Hai

पितृ शांति के लिए खास है पौष अमावस्या का दिन, इन उपायों को करने से मिलेगा पितरों का आर्शीवाद हिन्दू धर्म में हर दिन कोई न कोई तिथि होती है। इन तिथियों का अलग-अलग महत्व होता है। इन्हीं तिथियों में से एक है अमावस्या तिथि। अमावस्या का दिन वह दिन होता है जब आकाश में घना अंधेरा होता है जब चन्द्रमा पूर्ण रूप से दिखाई नहीं देता है। अमावस्या की रात काली रात होती है। हर 30
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बुध प्रदोष के दिन करें ये उपाय, घर में आयेगी समृद्धि और खुशहाली | Budh Pradosh Vrat Katha

हिन्दू धर्म में हर दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित है। सोमवार से लेकर रविवार तक अलग-अलग भगवानों की पूजा-पाठ की जाती है और उन भगवानों की कृपा पाने और उन्हें प्रसन्न करने के लिए उनके निर्मित व्रत रखा जाता है। इन्ही व्रतों में एक व्रत है, प्रदोष व्रत। प्रदोष व्रत हर माह की त्रयोदशी को रखा जाता है। हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत का खासा महत्व है। यह भगवान भोलेनाथ, शिव शंकर को समर्पित व्रत
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साल 2023 में 24 नहीं 26 पड़ेगी एकादशी, देखिए साल 2023 में पड़ने वाली एकादशी की पूरी लिस्ट | Ekadashi 2023 List in Hindi

हिन्दू धर्म में अनेक व्रत व त्योहार पड़ते है। इन्ही व्रत व त्योहारों में से एक है एकादशी का व्रत। एकादशी एक संस्कृत शब्द होता है जिसका अर्थ ग्यारह होता है। एकादशी का व्रत हर माह की ग्यारस तिथि को मनाया जाता है। हर माह में दो एकादशी पड़ती है। एक शुक्ल पक्ष में और दूसरी कृष्ण पक्ष में। इस तरह हर वर्ष में 24 एकादशी पड़ती है लेकिन जिस वर्ष में अधिक मास या पुरूषोत्तम मास
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सफला एकादशी का व्रत, जानिए व्रत की पूरी जानकारी | Ekadashi Kab Hai

हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत महत्व है। हर माह में दो एकादशी पड़ती है। एक शुक्ल पक्ष में दूसरी कृष्ण पक्ष। हिन्दू धर्म के अनेक व्रतों में एकादशी का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक है। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। हर माह पड़ने वाली एकादशी का अलग-अलग महत्व होता है। पौष माह के कृष्ण पक्ष को जो एकादशी पड़ती है उसे सफला एकादशी कहा जाता है। साल 2022 में सफला
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खरमास में पूजा-पाठ का है विशेष महत्व, भूलकर भी ना करें ये काम | Kharmas Kab Se Hai

हिन्दू धर्म में सूर्य देव एक ऐसे देव है जो प्रत्यक्ष रूप से विराजमान देवता है। सूर्य देवता हर माह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते है। सूर्य के एक राशि से दूसरे राशि में प्रवेश करने को संक्राति कहते है। हर वर्ष में 12 संक्रातियां पड़ती है। इनमें से धनु संक्राति और मीन संक्राति का बहुत महत्व है। सूर्यदेव के धनु राशि और मीन राशि में प्रवेश के समय को खरमास या मलमास कहते
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